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Odisha Transport Department Clarifies Pollution Test Rules, Urges Public Not to Fall for Rumours

Odisha Transport Department Clarifies PUC Certificate Rules, Urges Public Not to Fall for Rumours

ओडिशा: पीयूसी (PUC) प्रमाणपत्र को लेकर परिवहन विभाग का बड़ा स्पष्टीकरण; अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील

Odisha Transport Department Clarifies Pollution Test Rules, Urges Public Not to Fall for Rumours


  • No need to panic over PUC compliance, focus on following the rules
  • Claims of fuel denial due to lack of PUC are false
  • Restrictions apply only if e-challans remain unpaid for over 90 days
  • Rebate available on pending e-challans till 31 July 2025
  • Get pollution tests done only at authorised centres and verify via the Parivahan app
  • PUC को लेकर घबराने की जरूरत नहीं, नियमों के पालन पर ज़ोर
  • वैध प्रमाणपत्र न होने पर ईंधन बंद होने की खबरें सिर्फ अफवाह
  • ई-चालान 90 दिन से अधिक लंबित होने पर ही लगेगा प्रतिबंध
  • 31 जुलाई 2025 तक लंबित ई-चालानों पर छूट की सुविधा
  • अधिकृत केंद्रों से ही कराएं प्रदूषण जांच, परिवहन ऐप से करें सत्यापन

ओडिशा परिवहन विभाग ने जनता से आग्रह किया है कि वे अपने वाहनों के लिए वैध ‘पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल’ (PUC) प्रमाणपत्र प्राप्त करते समय घबराएं या भ्रमित न हों। विभाग ने विशेष रूप से उन अफवाहों पर विश्वास न करने की अपील की है जिनमें दावा किया गया है कि वैध प्रदूषण प्रमाणपत्र न होने पर ईंधन (पेट्रोल/डीजल) देने से मना किया जाएगा या वाहन चलाने पर कड़े प्रतिबंध लगाए जाएंगे।

अधिकारियों ने साफ किया है कि इस पहल का एकमात्र उद्देश्य नियमों का अनुपालन सुनिश्चित करना और प्रदूषण को रोकना है। विभाग के अनुसार, कानून का पालन करने वाले वाहन मालिकों को चिंता करने की कोई आवश्यकता नहीं है, क्योंकि यह कदम मोटर वाहन अधिनियम के प्रावधानों के तहत पर्यावरण संरक्षण के बड़े लक्ष्य को ध्यान में रखकर उठाया गया है। सार्वजनिक सुविधा को प्राथमिकता देते हुए, विभाग ने तेल कंपनियों और डीलर संघों के साथ चर्चा की है और इसके लिए 15 दिवसीय जागरूकता अभियान चलाने का निर्णय लिया है।

लंबित ई-चालान और प्रतिबंधों पर स्थिति स्पष्ट

लंबित ई-चालान को लेकर वाहन मालिकों की चिंताओं को दूर करते हुए, अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि प्रदूषण परीक्षण पर प्रतिबंध केवल तभी लागू होगा जब कोई ई-चालान 90 दिनों से अधिक समय तक बकाया रहता है। केंद्रीय मोटर वाहन नियमों के अनुसार, जिन वाहनों के ई-चालान 90 दिनों से कम समय से लंबित हैं, उन पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया जाएगा।

राहत की बात यह है कि एकमुश्त निपटान योजना के तहत 31 जुलाई 2025 तक लंबित ई-चालान पर छूट (rebate) दी जा रही है। वाहन मालिक इन चालानों का भुगतान ‘परिवहन पोर्टल’ (Pari Vahan portal) के माध्यम से आसानी से कर सकते हैं।

नागरिकों के लिए महत्वपूर्ण निर्देश

परिवहन विभाग ने वाहन मालिकों को कुछ महत्वपूर्ण सुझाव दिए हैं। प्रदूषण परीक्षण केवल अधिकृत केंद्रों (authorized centers) पर ही करवाएं। प्रमाणपत्र की वैधता की जांच ‘परिवहन ऐप’ के माध्यम से स्वयं करें। पर्यावरण की रक्षा और सड़क सुरक्षा सुनिश्चित करने में विभाग का सहयोग करें।

अपने वाहन का पीयूसी (PUC) प्रमाणपत्र अपडेट रखना ठीक वैसा ही है जैसे किसी व्यक्ति का नियमित स्वास्थ्य परीक्षण (health check-up) करवाना; यह न केवल आपके वाहन की सेहत बताता है, बल्कि हमारे पर्यावरण को भी स्वस्थ रखने में मदद करता है।

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