Odisha Infrastructure Boost: 645 Km Ring Road Linking Bhubaneswar, Cuttack, Puri and Paradeep
ओडिशा का उभरता आर्थिक भविष्य: भुवनेश्वर–कटक–पुरी–पारादीप आर्थिक क्षेत्र और 645 किलोमीटर रिंग रोड की पूरी तस्वीर
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| Odisha’s New Economic Future: Bhubaneswar–Cuttack–Puri–Paradeep Economic Corridor Explained |
ओडिशा सरकार राज्य के बुनियादी ढांचे और आर्थिक दिशा को नई ऊँचाई देने की दिशा में एक बड़े और दूरदर्शी कदम की ओर बढ़ चुकी है। मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी की अध्यक्षता में हुई एक उच्चस्तरीय बैठक में भुवनेश्वर, कटक, पुरी और पारादीप को जोड़कर एक व्यापक आर्थिक क्षेत्र विकसित करने का निर्णय लिया गया। इस योजना का उद्देश्य इन प्रमुख शहरों को विकास के केंद्रों में परिवर्तित करना है, जहाँ उद्योग, परिवहन, व्यापार और पर्यटन को एक साथ बढ़ावा मिल सके।
यह लेख इसी महत्वाकांक्षी परियोजना के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डालता है, जिसमें विशेष रूप से 645 किलोमीटर लंबे रिंग रोड नेटवर्क और रेलवे विस्तार की भूमिका को समझाया गया है।
Odisha’s Biggest Infrastructure Plan
विकास का विज़न: तटीय क्षेत्र से आर्थिक शक्ति केंद्र तक
लोक सेवा भवन में आयोजित बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि इस आर्थिक क्षेत्र के लिए एक स्पष्ट, व्यावहारिक और समयबद्ध कार्ययोजना तैयार की जाए। इस विज़न का मुख्य आधार बुनियादी ढांचे का विस्तार, औद्योगिक गतिविधियों को गति देना और पर्यटन क्षमता का बेहतर उपयोग करना है।
सरकार का लक्ष्य एक ऐसा समन्वित विकास गलियारा बनाना है जो शहरी भीड़ को कम करने के साथ-साथ माल और सेवाओं की सुचारु आवाजाही सुनिश्चित करे। पारादीप बंदरगाह को इस नेटवर्क से जोड़ने से कृषि, मत्स्य पालन, विनिर्माण, परिवहन, रसायन, कपड़ा और सूचना प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों में बड़े स्तर पर विस्तार की संभावना बनती है।
645 किलोमीटर का रिंग रोड नेटवर्क: विकास की नई धुरी
इस पूरी योजना की रीढ़ 645 किलोमीटर लंबा तीन-स्तरीय रिंग रोड नेटवर्क है। ये सड़कें न केवल शहरों के बीच संपर्क को मजबूत करेंगी, बल्कि पूरे तटीय क्षेत्र को भविष्य के आर्थिक विकास का प्रमुख चालक बनाएंगी।
A. कैपिटल रिंग रोड – 432 किलोमीटर
यह इस परियोजना का सबसे लंबा और महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह सड़क पारादीप से शुरू होकर टांगी, सप्तसज्या और रामेश्वर होते हुए पुरी तक जाएगी। इसे केंद्र सरकार की मौजूदा कैपिटल रीजन रिंग रोड परियोजना से जोड़ा जाएगा।
इस मार्ग के बनने से पारादीप बंदरगाह सीधे प्रशासनिक, सांस्कृतिक और धार्मिक केंद्रों से जुड़ जाएगा, जिससे व्यापार और पर्यटन दोनों को लाभ मिलेगा।
B. आउटर रिंग रोड – 148 किलोमीटर
यह रिंग रोड कटक जिले के जटमुंडिया, त्रिशूलिया और उराली क्षेत्रों को बालीपटना, पिपिली, जटनी और खोरधा से जोड़ेगी।
इसका मुख्य उद्देश्य कटक और उसके आसपास के क्षेत्रों में यातायात को सुव्यवस्थित करना और उपनगरीय इलाकों के संतुलित विकास को बढ़ावा देना है।
C. इनर रिंग रोड – 65 किलोमीटर
यह सड़क खोरधा जिले के तमांडो से शुरू होकर चंदका, पाहाला और धौली क्षेत्रों से गुजरेगी।
इससे भुवनेश्वर और आसपास के शहरी इलाकों में ट्रैफिक दबाव कम होगा और दैनिक आवागमन आसान बनेगा।
रेलवे संपर्क को मजबूत करने की योजना
सरकार ने इस आर्थिक क्षेत्र में परिवहन को केवल सड़कों तक सीमित न रखते हुए रेलवे नेटवर्क के विस्तार पर भी विशेष ध्यान दिया है।
पुरी से कोणार्क के बीच लगभग 32 किलोमीटर लंबी नई रेलवे लाइन प्रस्तावित है। इसके अलावा कोणार्क से भुवनेश्वर तक, निमापड़ा के रास्ते, लगभग 70 किलोमीटर की एक और रेलवे लाइन की योजना बनाई गई है।
इन रेल परियोजनाओं से न केवल स्थानीय लोगों को बेहतर यात्रा सुविधा मिलेगी, बल्कि पुरी और कोणार्क जैसे प्रमुख पर्यटन स्थलों के बीच पर्यटकों की आवाजाही भी आसान होगी।
औद्योगिक विकास और रोजगार के नए अवसर
पारादीप बंदरगाह से बेहतर कनेक्टिविटी इस पूरे आर्थिक क्षेत्र के लिए उत्प्रेरक की भूमिका निभाएगी। मुख्यमंत्री के अनुसार, इस योजना से कई प्रमुख क्षेत्रों में बड़े बदलाव देखने को मिल सकते हैं।
विनिर्माण और लॉजिस्टिक्स के क्षेत्र में बंदरगाह आधारित उद्योगों और परिवहन सेवाओं में निवेश बढ़ने की संभावना है।
आईटी और सेवा क्षेत्र में भुवनेश्वर की मौजूदा पहचान को और मजबूती मिलेगी, जिससे नई कंपनियाँ आकर्षित होंगी।
कृषि और मत्स्य पालन से जुड़े लोगों को अपने उत्पाद बड़े बाज़ारों तक पहुँचाने में सुविधा मिलेगी।
रसायन और कपड़ा उद्योग को पारादीप की निकटता के कारण कच्चे माल और निर्यात के बेहतर अवसर मिलेंगे।
पर्यटन को नई गति: पुरी–कोणार्क विकास गलियारा
ओडिशा की अर्थव्यवस्था में पर्यटन की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण रही है। इस नई योजना के अंतर्गत पुरी, कोणार्क और आसपास के क्षेत्रों में पर्यटन सुविधाओं और बुनियादी ढांचे को मजबूत करने पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
नया सड़क और रेलवे नेटवर्क भुवनेश्वर–पुरी–कोणार्क पर्यटन त्रिकोण की पहुँच को और बेहतर बनाएगा, जिससे घरेलू और अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों की संख्या में वृद्धि होने की उम्मीद है।
नीतिगत सुधार और कार्यान्वयन की रणनीति
परियोजना के प्रभावी और तेज़ क्रियान्वयन के लिए मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को नीति आयोग के साथ निरंतर समन्वय बनाए रखने का निर्देश दिया है। साथ ही, जहाँ आवश्यक हो वहाँ नई नीतियाँ बनाने या मौजूदा नीतियों में संशोधन करने पर भी ज़ोर दिया गया है।
सभी परियोजनाओं के लिए स्पष्ट समय सीमा तय की गई है, ताकि कार्य में अनावश्यक देरी न हो। बैठक में आवास एवं शहरी विकास मंत्री, मुख्य सचिव, विकास आयुक्त और अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे, जो इस योजना की गंभीरता को दर्शाता है।
निष्कर्ष
भुवनेश्वर–कटक–पुरी–पारादीप आर्थिक क्षेत्र ओडिशा के विकास को एक नई दिशा देने की क्षमता रखता है। 645 किलोमीटर के रिंग रोड नेटवर्क और नए रेलवे संपर्क के साथ राज्य आधुनिक बुनियादी ढांचे, औद्योगिक विस्तार और सतत शहरी विकास की ओर तेज़ी से बढ़ रहा है।
सरल शब्दों में कहें तो, जैसे शरीर में धमनियाँ और नसें हर अंग तक ऊर्जा पहुँचाती हैं, वैसे ही ये सड़कें और रेलवे लाइनें ओडिशा के इस आर्थिक क्षेत्र में व्यापार, पर्यटन और विकास की गति को हर शहर तक पहुँचाने का कार्य करेंगी।

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