सिद्ध कुंजिका स्तोत्र: रहस्य, महिमा और लाभ
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Siddha Kunjika Stotram |
🔱 परिचय
"सिद्ध कुंजिका स्तोत्र" माता दुर्गा की एक अत्यंत शक्तिशाली स्तुति है, जो तंत्र और मन्त्र दोनों में विशिष्ट स्थान रखती है। यह स्तोत्र "श्री रुद्रयामल तंत्र" के "गौरी तंत्र" भाग में शिव और पार्वती के संवाद के रूप में वर्णित है। इसमें यह स्पष्ट रूप से कहा गया है कि दुर्गा सप्तशती के संपूर्ण पाठ के स्थान पर यदि कोई इस स्तोत्र का पाठ करता है, तो उसे वही फल प्राप्त होता है।
📜 स्तोत्र की उत्पत्ति और तांत्रिक आधार
सिद्ध कुंजिका स्तोत्र की उत्पत्ति शिव-पार्वती संवाद से मानी जाती है, जहाँ शिव स्वयं माता पार्वती को इस रहस्यात्मक स्तोत्र का उपदेश देते हैं। इसमें "बीज मंत्र", तांत्रिक ऊर्जा और शक्तिशाली ध्वनियाँ सम्मिलित हैं जो साधक की चेतना को जाग्रत करती हैं।
🌟 कुंजिका स्तोत्र बनाम दुर्गा सप्तशती
दुर्गा सप्तशती का पाठ नियमबद्ध और तकनीकी होता है। उसमें त्रैशपदी छंद, कवच, अर्गला, कीलक आदि शामिल होते हैं। कई साधकों के लिए इसका पाठ कठिन हो सकता है।
वहीं सिद्ध कुंजिका स्तोत्र:
- सरल भाषा में है
- समय की बचत करता है
- अत्यधिक प्रभावशाली है
- इसमें स्वयं सिद्ध बीज मंत्र होते हैं
🔮 स्तोत्र के लाभ
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संपूर्ण सप्तशती पाठ का फल प्राप्त होता है
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वाणी और मन की शक्ति में वृद्धि
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आत्मिक बल और ऊर्जा का संचार
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शत्रु बाधा और नकारात्मक ऊर्जा से रक्षा
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धन, स्वास्थ्य और समृद्धि की प्राप्ति
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ग्रह दोष, विशेष रूप से बुध दोष से मुक्ति
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तंत्र-मंत्र से सुरक्षा
🧘 पाठ की विधि (Daily Practice)
समय:
- सूर्यास्त के बाद
- रात्रि 11 बजे से 1 बजे के बीच विशेष प्रभावी
स्थान:
- माँ दुर्गा की मूर्ति या चित्र के सामने
आवश्यक सामग्री:
- लाल वस्त्र पहनें
- घी का दीपक जलाएँ
- लाल आसन पर बैठें
संकल्प:
- पाठ आरम्भ से पहले उद्देश्य स्पष्ट करें: जैसे धन प्राप्ति, मानसिक शांति, स्वास्थ्य या शत्रु बाधा निवारण।
📿 कुंजिका स्तोत्र का पाठ कैसे करें?
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नमः शिवाय से आरम्भ करें
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कुंजिका स्तोत्र के सभी श्लोकों का उच्चारण स्पष्टता से करें
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अंत में माता दुर्गा से प्रार्थना करें
"जैसे कुंजी से तिजोरी खुलती है, वैसे ही यह स्तोत्र साधक के जीवन के शुभ द्वार खोलता है।"
⚠️ पालन करने योग्य नियम
- मांस, मदिरा और तामसिक भोजन से बचें
- पवित्रता बनाए रखें
- मन और वाणी की शुद्धता जरूरी है
- स्तोत्र का पाठ श्रद्धा से करें, केवल दिखावे के लिए नहीं
💍 शीघ्र विवाह के लिए विशेष उपाय
- सूखी हल्दी की गाँठों से पीले धागे में माला बनाएँ
- नवरात्रि में किसी भी दिन माँ दुर्गा को पहनाएँ
- शीघ्र विवाह की प्रार्थना करें
- एक महीने बाद माला को जल में प्रवाहित करें या ज़मीन में गाड़ दें
✅ परिणाम: 1–2 महीने में विवाह के योग बनने लगते हैं
🕉️ सिद्ध कुंजिका स्तोत्र (मूल पाठ)
सिद्ध कुंजिका स्तोत्रम्
ॐ अस्य श्रीकुंजिकास्तोत्रमंत्रस्य सदाशिव ऋषिः, अनुष्टुप् छंदः,
श्रीत्रिगुणात्मिका देवता, ॐ ऐं बीजं, ॐ ह्रीं शक्तिः, ॐ क्लीं कीलकम्,
मम सर्वाभीष्टसिद्ध्यर्थे जपे विनियोगः ।
शिव उवाच
शृणु देवि प्रवक्ष्यामि कुंजिकास्तोत्रमुत्तमम् ।
येन मंत्रप्रभावेण चंडीजापः शुभो भवेत् ॥ 1 ॥
न कवचं नार्गलास्तोत्रं कीलकं न रहस्यकम् ।
न सूक्तं नापि ध्यानं च न न्यासो न च वार्चनम् ॥ 2 ॥
कुंजिकापाठमात्रेण दुर्गापाठफलं लभेत् ।
अति गुह्यतरं देवि देवानामपि दुर्लभम् ॥ 3 ॥
गोपनीयं प्रयत्नेन स्वयोनिरिव पार्वति ।
मारणं मोहनं वश्यं स्तंभनोच्चाटनादिकम् ।
पाठमात्रेण संसिद्ध्येत् कुंजिकास्तोत्रमुत्तमम् ॥ 4 ॥
अथ मंत्रः।
ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुंडायै विच्चे ।
ॐ ग्लौं हुं क्लीं जूं सः ज्वालय ज्वालय ज्वल ज्वल प्रज्वल प्रज्वल
ऐं ह्रीं क्लीं चामुंडायै विच्चे ज्वल हं सं लं क्षं फट् स्वाहा ॥ 5 ॥
इति मंत्रः।
नमस्ते रुद्ररूपिण्यै नमस्ते मधुमर्दिनि ।
नमः कैटभहारिण्यै नमस्ते महिषार्दिनि ॥ 6 ॥
नमस्ते शुंभहंत्र्यै च निशुंभासुरघातिनि ।
जाग्रतं हि महादेवि जपं सिद्धं कुरुष्व मे ॥ 7 ॥
ऐंकारी सृष्टिरूपायै ह्रींकारी प्रतिपालिका ।
क्लींकारी कामरूपिण्यै बीजरूपे नमोऽस्तु ते ॥ 8 ॥
चामुंडा चंडघाती च यैकारी वरदायिनी ।
विच्चे चाभयदा नित्यं नमस्ते मंत्ररूपिणि ॥ 9 ॥
धां धीं धूं धूर्जटेः पत्नी वां वीं वूं वागधीश्वरी ।
क्रां क्रीं क्रूं कालिका देवि शां शीं शूं मे शुभं कुरु ॥ 10 ॥
हुं हुं हुंकाररूपिण्यै जं जं जं जंभनादिनी ।
भ्रां भ्रीं भ्रूं भैरवी भद्रे भवान्यै ते नमो नमः ॥ 11 ॥
अं कं चं टं तं पं यं शं वीं दुं ऐं वीं हं क्षम् ।
धिजाग्रं धिजाग्रं त्रोटय त्रोटय दीप्तं कुरु कुरु स्वाहा ॥ 12 ॥
पां पीं पूं पार्वती पूर्णा खां खीं खूं खेचरी तथा ।
सां सीं सूं सप्तशती देव्या मंत्रसिद्धिं कुरुष्व मे ॥ 13 ॥
कुंजिकायै नमो नमः ।
इदं तु कुंजिकास्तोत्रं मंत्रजागर्तिहेतवे ।
अभक्ते नैव दातव्यं गोपितं रक्ष पार्वति ॥ 14 ॥
यस्तु कुंजिकया देवि हीनां सप्तशतीं पठेत् ।
न तस्य जायते सिद्धिररण्ये रोदनं यथा ॥ 15 ॥
इति श्रीरुद्रयामले गौरीतंत्रे शिवपार्वतीसंवादे कुंजिकास्तोत्रं संपूर्णम् ।
🤔 अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
Q1: क्या कुंजिका स्तोत्र रोज़ पढ़ सकते हैं?
हाँ, यह रोज़ पढ़ना अत्यंत शुभ माना जाता है, विशेषकर रात को।
Q2: क्या स्तोत्र पढ़ने से तंत्र-मंत्र का असर खत्म हो जाता है?
जी हाँ, यह तांत्रिक बाधाओं को समाप्त करता है और साधक की रक्षा करता है।
Q3: क्या बिना गुरु के यह स्तोत्र पढ़ा जा सकता है?
हां, क्योंकि यह स्वयं सिद्ध स्तोत्र है और गुरु दीक्षा की आवश्यकता नहीं होती।
📌 निष्कर्ष
सिद्ध कुंजिका स्तोत्र एक रहस्यमयी, शक्तिशाली और त्वरित फल देने वाला स्तोत्र है। यह न केवल तांत्रिक प्रभावों से रक्षा करता है, बल्कि साधक के जीवन में सुख, समृद्धि और शांति लाने की क्षमता रखता है।
🙏 इसे श्रद्धा और नियमपूर्वक पढ़ें — यह आपकी सभी मनोकामनाओं को पूर्ण कर सकता है।
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📍 Tags: Siddha Kunjika Stotram, कुंजिका स्तोत्र, दुर्गा स्तुति, तंत्र मन्त्र, शीघ्र विवाह उपाय, तांत्रिक सुरक्षा
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